आखिर मसूरी कैसे बनी Queen Of Hills?

मसूरी जिसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित एक सुंदर हिल स्टेशन है। ब्रिटिश काल से ही यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। ये जगह देहरादून से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां की हरी-भरी पहाड़ियां शांत वातावरण और हिमालय के नजारे इसे खास बनाते हैं।
भारत में घूमने-फिरने वाले जगहों की कमी नहीं है। गर्मियों में तो पहाड़ों पर घूमने वालों की संख्या बढ़ जाती है। Hill Stations की जब भी बात होती है तो सबसे पहले या ताे शिमला का नाम लिया जाता है या फिर मसूरी का। सिर्फ मसूरी की बात करें तो बादलों से घिरी पहाड़ियां, ठंडी हवा, खूबसूरत वादियां और शांत माहौल इस जगह को खास बनाती हैं। शायद इसी वजह से इसे प्यार से ‘क्वीन ऑफ हिल्स’ यानी कि पहाड़ों की रानी कहा जाता है।
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में बसा मसूरी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है। ये दिल को सुकून देने वाली एक ऐसी जगह है जहां हर कोई बार-बार जाना चाहता है। ब्रिटिश राज के समय से ही मसूरी लोगों की पसंदीदा जगह रही है। यहां की हरियाली, ऊंचे पहाड़, पुराने बाजार और घूमने की ढेर सारी जगहें इसे और भी खास बना देती हैं। यहां पर जहां लोग ग्रुप्स में आना पसंद करते हैं, तो वहीं साेलाे ट्रैवलर्स की संख्या भी कम नहीं होती है।
क्या है Queen Of Hills कहने की वजह?
हनीमून और वीकेंड गेटवे के लिए तो ये एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि इसे क्वीन ऑफ हिल्स क्यों कहा गया? अगर नहीं तो आपको हमारा ये लेख जरूर पढ़ना चाहिए। हम आपको इसके Queen Of Hills कहे जाने के पीछे की वजह बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
देहरादून से है 38 किलोमीटर की दूरी
देहरादून से करीब 38 किलोमीटर दूर बसा मसूरी एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। यहां की हरी-भरी पहाड़ियां, अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे और शांत वातावरण इसे खास बनाते हैं। यहां से एक तरफ हिमालय की बर्फीली चोटियों का नज़ारा दिखता है और दूसरी तरफ दूर-दूर तक फैली दून घाटी, सहारनपुर, हरिद्वार और रुड़की भी नजर आते हैं।
किसने की थी मसूरी की खोज?
आपको बता दें कि मसूरी की खोज साल 1827 में एक ब्रिटिश ऑफिसर कैप्टन यंग ने की थी। उन्हें यहां की खूबसूरती इतनी पसंद आई कि उन्होंने यहां बसने का फैसला कर लिया। आज मसूरी न सिर्फ एक टूरिस्ट स्पॉट है, बल्कि ये गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों का रास्ता भी है।
क्यों कहते हैं क्वीन ऑफ हिल्स?
इसे क्वीन ऑफ हिल्स इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां का मौसम सालों साल बेहद सुहावना होता है। यहां आपको चारों ओर सिर्फ और सिर्फ हरियाली देखने को मिलेगी। हिमालय के पहाड़ों में बसे इस हिल स्टेशन में हर तरफ मन मोह लेने वाली खूबसूरती है। यहां के नजारों को देखते हुए ही अंग्रेजों ने इसे क्वीन ऑफ हिल्स का नाम दिया था। यहां हर मौसम में खूबसूरती बिखरी होती है और हर मोड़ पर एक नई ताजगी मिलती है।
देखने लायक होती है रौनक
छुट्टियों के टाइम पर तो ये जगह पर्यटकों से गुलजार हो जाती है। यहां की रौनक देखने लायक होती है। लोग यहां मस्ती और सुकून की तलाश में आते हैं। मसूरी में ऊंची-नीची चढ़ाई ज्यादा नहीं है, इसलिए यहां घूमना आसान होता है। यहां घूमने के लिए Kempty Falls (करीब 11 किमी दूर), भट्टा फॉल्स और लाल टिब्बा जैसे कई खूबसूरत जगहें हैं।
सबसे ऊंचा प्वाइंट है लाल टिब्बा
लाल टिब्बा तो मसूरी का सबसे ऊंचा पॉइंट है। यहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ, नंदा देवी और बंदरपूंछ की चोटियां साफ दिखाई देती हैं। ऊंट की पीठ जैसा दिखने वाला कैमल्स बैक हिल बेहद खास है। यहां से घाटी और पहाड़ों का शानदार नजारा देखने को मिलता है। वहीीं जब यहां का मौसम एकदम साफ होता है तो यहां से गंगा और यमुना तक दिखाई देती हैं।
कैसे पहुंचे मसूरी?
हवाई मार्ग से- यहां सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है Jollygrant Airport, जो कि देहरादून में बसा हुआ है। आप यहां से प्राइवेट गाड़ी लेकर मसूरी पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से- मसूरी से 36 किलोमीटर की दूरी पर देहरादून का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। मसूरी यात्रा करने वालों के लिए ये बेस्ट ऑप्शन होगा।
सड़क मार्ग से- कई प्राइवेट और सरकारी बसों से भी आप मसूरी पहुंच सकते हैं।