
अब उत्तराखंड में भी लोक निर्माण विभाग ऐसी नीति लेकर आ रहा है, जिसके तहत सड़क खोदने को साल में केवल दो माह का समय निर्धारित होगा। नई सड़कें खोदने की परेशानी से मुक्ति मिल पाएगी।
प्रदेश में बिजली, पानी, सीवर लाइन, दूरसंचार केबल आदि कार्यों के लिए सड़क खोदने को केवल दो माह का समय मिलेगा। लोक निर्माण विभाग सड़कों की खोदाई के लिए पहली बार एक नीति बना रहा है, जिसका मसौदा तैयार हो चुका है।
प्रदेश में नई सड़क बनने के बाद उसे कोई दूसरा विभाग अपने काम के लिए खोद देता है। फिर लंबे समय तक उस सड़क पर यातायात प्रभावित रहता है। लोग परेशान रहते हैं। राजधानी देहरादून में सहस्त्रधारा रोड से लेकर तमाम शहरों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जब नई सड़कें किसी दूसरे विभाग ने खोद दीं। इससे लोक निर्माण विभाग को नुकसान होता है।
राज्य में अभी तक इस तरह की कोई नीति नहीं है, जबकि यूपी समेत कई राज्यों में इसके लिए समयावधि तय है। लिहाजा, अब उत्तराखंड में भी लोक निर्माण विभाग ऐसी नीति लेकर आ रहा है, जिसके तहत सड़क खोदने को साल में केवल दो माह का समय निर्धारित होगा। विशेष परिस्थितियों को छोड़कर बाकी सभी विभागों को केवल इस समयावधि में ही सड़क खोदने की अनुमति होगी।
नीति आने के बाद सड़क खोदने की एक एसओपी तैयार हो जाएगी। इसके तहत सड़क खोदने, काम पूरा करने की भी समयसीमा होगी। नियमविरुद्ध सड़क काटने, खराब करने वाले विभागों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज पांडेय ने बताया कि इस नीति का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। जल्द ही इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। नीति के दायरे में सभी निर्माण संबंधी विभाग आएंगे।
केंद्र सरकार के ऐप से भी जोड़ेंगे
नई नीति आने के बाद प्रदेश की सड़कों की खोदाई से संबंधित सूचनाओं के लिए लोक निर्माण विभाग केंद्र सरकार के एक एप का भी इस्तेमाल करेगा। इस एप के माध्यम से विभाग को सभी सूचनाएं मिलती रहेंगी। उस पर इसी हिसाब से विभाग कार्रवाई कर सकेगा।