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यूपी: पहली बार निवेश की संभावना देख रहीं चीन की 371 कंपनियों पर यूपी की नजर

उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए गठित प्राधिकरण इन्वेस्ट यूपी ने हर कंपनी पर फोकस करने के लिए 20 विशेष अधिकारी की नियुक्ति की है। हर अधिकारी पर 15 से 20 कंपनियों से संपर्क कर यूपी में निवेश लाने की जिम्मेदारी है।

उत्तर प्रदेश में पहली बार निवेश की संभावना देख रही 371 चीनी कंपनियों के लिए सरकार ने विशेष रणनीति बनाई है। ये कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, मेडिकल उपकरण, खिलौने, कृषि उत्पाद और टेक्सटाइल क्षेत्र से जुड़ी हैं। दरअसल, चीन की इन कंपनियों पर अमेरिका ने 25 से 100 फीसदी तक भारी भरकम टैरिफ थोप दिया है, जबकि भारत में इन क्षेत्रों में शुल्क अधिकतम 12 फीसदी है।

इन कंपनियों का नेटवर्क जर्मनी, वियतनाम, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान में भी है। उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए गठित प्राधिकरण इन्वेस्ट यूपी ने हर कंपनी पर फोकस करने के लिए 20 विशेष अधिकारी की नियुक्ति की है। हर अधिकारी पर 15 से 20 कंपनियों से संपर्क कर यूपी में निवेश लाने की जिम्मेदारी है। वैश्विक राजनीतिक समीकरण, टैरिफ वॉर, कारोबार सुगमता के लिहाज से भारत की नीतिगत योजनाओं और विनिर्माण क्षेत्र पर फोकस के दम पर दुनियाभर की कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।

चाइना+1 रणनीति के जरिये लाभ उठाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश ने अपनी 34 औद्योगिक नीतियों के जरिये बदलते वैश्विक माहौल का लाभ उठाने के लिए विशेष रणनीति बनाई है, जिसे चाइना+1 का नाम दिया गया है। इसके तहत, चीन की उन कंपनियों की फेहरिस्त तैयार की गई है, जो अन्य देशों में विस्तार की योजना बना रही हैं। चीन की कंपनियों को आकर्षित करने की रणनीतियों में जमीन की आसानी से उपलब्धता, जियो मैपिंग से नेट से ही भूखंड देखने की सुविधा और अंतरराष्ट्रीय रोड शो आदि शामिल हैं।

कंपनियों को लाने के लिए खास रणनीति
इस वर्ष इंटरनेशनल रोड शो, यूएस और यूरोपियन यूनियन सहित आधा दर्जन देशों से शुरुआत।
राजदूतों, दूतावासों और वाणिज्य उच्चायुक्तों के जरिये प्रत्येक कंपनी, उद्योग संगठन के साथ आनलाइन व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेशन।
सीधी अप्रोच के लिए प्रत्येक समूह के लिए एकाउंट्स मैनेजरों की नियुक्ति।
निवेशकों के साथ राउंट टेबिल कॉन्फ्रेेंस।
जमीन की उपलब्धता, जियो मैपिंग से ही भूखंड देखने की सुविधा।

बांग्लादेश और वियतनाम बड़ी चुनौती
चीन की कंपनियों को यूपी लाने के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती वियतनाम और बांग्लादेश हैं। टेक्सटाइल और टेक्निकल टेक्सटाइल में बांग्लादेश एवं वियतनाम काफी आगे हैं। अकेले इन दोनों देशों से 67 देशों में टेक्सटाइल निर्यात हो रहा है। दुनिया के 76 फीसदी बड़े ब्रांड्स की इकाइयां इन देशों में हैं। वहां की नीतियों से बेहतर सुविधाएं और प्रोत्साहन राशि मुहैया कराने के साथ उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग की जा रही है।

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