व्यापार – We News https://wenews.co.in Hindi News, Lifestyle & Entertainment Articles Mon, 09 Jun 2025 14:45:34 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 क्या होता कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट, इसमें क्यों मिलता बैंक FD से ज्यादा ब्याज https://wenews.co.in/NewsArticle/147484/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:34 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147484/

भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट, स्थिर रिटर्न और सुरक्षित निवेश का एक पसंदीदा विकल्प है। लेकिन, क्या आप जानते हैं एफडी भी दो तरह की होती है, पहली बैंक एफडी तो दूसरी कंपनी/कॉरपोरेट एफडी (Company Fixed Deposit) है। ज्यादातर लोग बैंक एफडी के बारे में ही जानते हैं, और कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट से अनजान हैं। दरअसल, बैंक एफडी (Bank FD) और कंपनी एफडी या कॉर्पोरेट एफडी, दोनों ही एक निश्चित अवधि में तय ब्याज देते हैं, लेकिन रिस्क और रिटर्न के मामले में दोनों में बड़ा अंतर है।

आइये आपको बताते हैं कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज की दरें और जोखिम से जुड़े पहलुओं के बारे में…

क्या होती कंपनी एफडी
कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (CFD), जिसे कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है। यह एफडी, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) द्वारा इश्यू की जाती है, और इसका उद्देश्य जनता से धन जुटाने के लिए किया जाता है।

कंपनी एफडी की अवधि भी बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह रहती है, और ब्याज की दर निश्चित रहती है, लेकिन इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है। चूंकि, कंपनी एफडी में ब्याज की दरें, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा होती है इसलिए निवशकों के बीच ज्यादा लोकप्रिय हो रही है।

ज्यादा रिटर्न, ज्यादा रिस्क
कंपनी एफडी में ब्याज ज्यादा मिलता है इसलिए रिस्क भी उतना ही होता है। दरअसल, सीएफडी में बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह इंश्योरेंस और लोन गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा सुरक्षा कवर नहीं मिलता है।

कैसे करें कंपनी एफडी में निवेश
चूंकि, कंपनी या कॉरपोरेट एफडी में DICGC से रिस्क कवर नहीं मिलता है इसलिए इनमें निवेश करने से पहले एनबीएफसी या एफडी जारी करने वाली कंपनी की क्रेडिट रेटिंग जरूर देखनी चाहिए। कंपनी की विश्वसनीयता का आकलन करने के लिए समय पर कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड की जांच करें, जिसमें उसके पुर्नभुगतान की को देखें.

कॉरपोरेट एफडी में ब्याज की दरें
कंपनी या कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज की दरें 8.50 से 9 फीसदी तक रही है। हालांकि, इनमें समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है। वरिष्ठ नागरिकों को 0.50 % इंटरेस्ट ज्यादा मिलता है।

]]>
एक स्टॉक पर 7 बोनस शेयर, साथ में 12.50 रुपये का डिविडेंड https://wenews.co.in/NewsArticle/147486/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:34 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147486/

शेयर बाजार में कॉरपोरेट एक्शन के लिहाज से आज का दिन बेहद अहम है, क्योंकि कई कंपनीज डिविडेंड और बोनस शेयर देने जा रही है। एसएमई सेक्टर की एक कंपनी ने तो 7:1 के रेशियो में बोनस शेयर देने का ऐलान किया है, यानी प्रत्येक एक शेयर के बदले निवेशकों को 7 अतिरिक्त स्टॉक मिलेंगे। इसके अलावा, कंपनी ने डिविडेंड देने का ऐलान भी किया है।

शेयरधारकों को तगड़ा डिविडेंड और बोनस शेयर देने वाली यह कंपनी Shine Fashions (India) Limited है। आइये आपको बताते हैं इन दोनों बड़े कॉरपोरेट एक्शन के लिए कंपनी ने क्या रिकॉर्ड डेट तय की है।
ऐलान से 6% तक उछले शेयर

Shine Fashions (India) Limited ने शुक्रवार, 6 जून को बोनस शेयर देने का ऐलान किया था। इसके बाद आज शेयर 6 फीसदी के तगड़े उछाल के साथ 401 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। पिछले 6 महीनों में इस कंपनी के शेयरों ने 16 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

वहीं, पिछले एक साल 102% रिटर्न के साथ शेयरधारकों का पैसा दोगुना कर दिया है। पिछले 5 वर्षों में Shine Fashions (India) Limited के शेयरों ने 1800 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न डिलीवर किया है।

डिविडेंड और बोनस इश्यू की रिकॉर्ड डेट
Shine Fashions (India) Limited ने अपने पात्र शेयरधारकों को 12.50 प्रति शेयर डिविडेंड और 7:1 बोनस शेयर देने का ऐलान किया है, और इसके लिए 4 जुलाई रिकॉर्ड डेट फिक्स की है।

क्या है कंपनी का कारोबार
2019 में स्थापित शाइन फ़ैशन (इंडिया) लिमिटेड एक टेक्सटाइल कंपनी है जो विभिन्न तरह के फेबरिक और उससे जुड़े कच्चे माल का आयात और व्यापार करती है। कंपनी के प्रोडक्ट लाइन में नॉन-इंटरलिंकिंग फ़ैब्रिक, बुने हुए फ़्यूज़िबल इंटरलाइनिंग और माइक्रोडॉट फ़्यूज़िबल इंटरलाइनिंग शामिल हैं। इस कंपनी का कुल मार्केट कैप 114 करोड़ रुपये है।

]]>
₹10 से 10000 के करीब पहुंचा भाव, बजाज ग्रुप की इस कंपनी के शेयरों में तेजी https://wenews.co.in/NewsArticle/147488/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:34 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147488/

बजाज ग्रुप के एक शेयर ने सालों से शेयर बाजार में धूम मचा रखी है, और आज इसने एक नया रिकॉर्ड बना दिया है। देश की सबसे बड़ी एनबीएफसी कंपनी बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance Share) के शेयर आज ऑल टाइम हाई पर ट्रेड कर रहे हैं। शुक्रवार को जैसे ही आरबीआई ने रेपो रेट और सीआरआर में कटौती का ऐलान किया, उसके बाद से ही फाइनेंशियल शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, खासकर एनबीएफसी शेयरों में।

बजाज फाइनेंस के शेयरों ने आज अपना सर्वकालिक स्तर छुआ और 9788 रुपये के भाव पर पहुंच गए। खास बात है कि यह शेयर कभी 10 रुपये के भाव पर मिलता था और आज इसकी कीमत दस हजार रुपये के करीब पहुंच गई है।

तूफानी तेजी के साथ 10 से 10000 रुपये का सफर
बजाज फाइनेंस देश की सबसे बड़ी एनबीएसी कंपनी है, जिसका मुख्य कारोबार कंज्यूमर और व्हीकल फाइनेंस से जुड़ा है। मई 2009 में इस कंपनी के शेयर 9 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे, और आज कीमत 9700 रुपये के पार है। 16 साल की अवधि में इस शेयर ने मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।

खास बात है कि महज एक महीने में बजाज फाइनेंस का शेयर 12 फीसदी से ज्यादा रिटर्न डिलीवर कर चुका है, जो एक साल की बैंक एफडी से ज्यादा है। वहीं, 6 महीने में इस शेयर ने 40 फीसदी तो पिछले 5 साल में 300% तक रिटर्न दिया है।

तेजी की वजह बने बोनस शेयर
बजाज फाइनेंस के शेयर आज करीब 4 फीसदी की तेजी के साथ 9774 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। कंपनी के शेयरों में यह तेजी स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयरों के चलते देखने को मिल रही है, क्योंकि कंपनी ने इस कॉरपोरेट एक्शन के लिए 16 जून, 2025 को ‘रिकॉर्ड डेट’ फिक्स की है। 4:1 के रेशियो में हर शेयर पर निवेशकों को चार अतिरिक्त शेयर मिलेंगे।

]]>
ITR: इनकम टैक्स return filing से पहले समझिए TDS के बारे में हर जानकारी https://wenews.co.in/NewsArticle/147416/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:29 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147416/

अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing 2025) करने जा रहे हैं तो आपके लिए टैक्स डिडक्शन एट सोर्स यानी टीडीएस (TDS) को जानना जरूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि टीडीएस क्या होता है, यह किन मामलों में लागू होता है, टीडीएस फाइलिंग के नियम क्या हैं, नियम का पालन नहीं करने पर क्या होता है।

क्या होता है TDS
जब कोई व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी को पेमेंट करती है तो टैक्स काटकर पेमेंट करने का नियम है। यह पेमेंट सैलरी, किराया, कमीशन आदि के रूप में हो सकता है। हालांकि एक निश्चित रकम से अधिक पेमेंट करने पर ही TDS काटने का प्रावधान है। टीडीएस काटने वाले व्यक्ति या संस्था को टैक्स की रकम सरकार के पास जमा करनी पड़ती है। टैक्सपेयर जब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करता है तो उस समय टीडीएस को एडजस्ट किया जाता है।

किन मामलों में काटा जाता है TDS
सैलरी (धारा 192), ब्याज (धारा 194A), किराया (धारा 194I), प्रोफेशनल फीस (धारा 194J), कमीशन या ब्रोकरेज (धारा 194H), प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री (धारा 194 IA) या डिविडेंड (धारा 194) जैसे ट्रांजैक्शन में TDS काटने का प्रावधान है। टीडीएस काटने वाला टैक्सपेयर को अगर सैलरी देता है तो उसे Form 16 देना होगा। नॉन-सैलेरी पेमेंट के लिए फॉर्म 16A दिया जाता है।

अगर कटा है आपका TDS या TCS तो अभी गलती से भी मत फाइल करिएगा ITR

कहां देख सकते हैं टीडीएस की डिटेल
जिस टैक्स पेयर का टीडीएस काटा जाता है वह उसकी डिटेल फॉर्म 26AS या AIS में देख सकता है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR filing) करते समय टैक्सपेयर की जो टैक्स लायबिलिटी बनती है उसमें वह टीडीएस को एडजस्ट कर सकता है।

हर तिमाही टीडीएस जमा करना जरूरी
टीडीएस काटने वाले को हर तिमाही टीडीएस रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसके लिए फॉर्म 24Q, 26Q आदि का इस्तेमाल किया जाता है। अगर टीडीएस काटने वाले ने हर तिमाही टैक्स की रकम सरकार के पास जमा नहीं की या देर से जमा की, तो उस पर धारा 234E के तहत जुर्माना लग सकता है।

कितना काटा जाता है टीडीएस
टीडीएस काटने की दर क्या होगी यह पेमेंट टाइप और जिसे पेमेंट दिया जा रहा है उस पर निर्भर करता है। यह व्यक्ति और फर्म के लिए अलग-अलग है। उदाहरण के लिए अगर कंपनी आपको सैलरी देती है तो आपकी सालाना इनकम के ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स काटा जाएगा। जिस व्यक्ति का टीडीएस काटा जाना है अगर उसने अपना पैन नहीं दिया तो 20% या उससे अधिक दर से टीडीएस कटेगा।

ITR फाइलिंग के लिए खुल गए ये दो फॉर्म, जानिए आपके लिए कौन सा है फॉर्म सही?

निल डिडक्शन का भी प्रावधान
टीडीएस में निल डिडक्शन सर्टिफिकेट का भी प्रावधान है। जिस व्यक्ति का टीडीएस काटा गया है अगर उसकी वास्तविक टैक्स लायबिलिटी टीडीएस की तुलना में कम है, तो वह धारा 197 के तहत कम टीडीएस या निल टीडीएस के लिए आवेदन कर सकता है। अगर आप पर कोई टैक्स लायबिलिटी नहीं बनती है, फिर भी टीडीएस कटा है तो आप उसका रिफंड क्लेम कर सकते हैं।

]]>
OECD ने भी माना भारतीय अर्थव्यवस्था का लोहा, ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर जताई से चिंता https://wenews.co.in/NewsArticle/147418/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:29 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147418/

विकसित देशों के संगठन Organisation for Economic Co Operation and Development (OECD) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में विश्व अर्थव्यवस्था और इंडियन इकोनॉमी को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं। ओईसीडी ने जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जताई है, वहीं भारत की इकोनॉमी को लेकर उत्साह जताया है।

Oecd के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की फास्टेस्ट फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी बनेगी। वही विश्व अर्थव्यवस्था की ग्रोथ में अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा लगाया गया टैरिफ रुकावट बन सकता है। टैरिफ लगाने से इसका नेगेटिव प्रभाव अमेरिका की इकोनॉमी पर पड़ेगा।
भारत की जीडीपी 6.3 फीसदी से ग्रो कर सकती है। इंडियन इकोनॉमी को Private Consumption का सपोर्ट मिल रहा है। इससे लोगों की इनकम बढ़ेगी और लोअर टैक्स इनकम वाले मिडिल क्लास को सपोर्ट मिलेगा।

इसके साथ ही उन्होंने बताया की यूस द्वारा लगाया गया टैरिफ निवेश पर प्रभाव कर सकता है। खासकर ऐसे सेक्टर जो निर्यात पर निर्भर है। इनमें केमिकल, टेक्सटाइल और इलेक्ट्रॉनिक शामिल हैं।

इससे पहले, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में इंडियल जीडीपी में 6.5 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय भी वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 फीसदी विकास दर का अनुमान जता चुका है।

वित्त वर्ष 2026 में कितनी बढ़ेगी विश्व अर्थव्यवस्था?
वैश्विक जीडीपी साल 2025 में 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है, जो साल 2024 की 3.3% की ग्रोथ रेट से कम है।Oecd का कहना है कि वैश्विक ग्रोथ आउटलुक और खराब हो सकता है अगर संरक्षणवाद बढ़ता है। क्योंकि इससे महंगाई और बढ़ेगी, सप्लाईचेन बाधित होगी और पूंजी बाजार हिल जाएंगे।

]]>
Pan Card नहीं कर रहा है काम, कहीं ये बंद तो नहीं हो गया? कैसे करें पता https://wenews.co.in/NewsArticle/147412/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:28 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147412/

आधार कार्ड की तरह पैन कार्ड भी आज एक जरूरी दस्तावेज बन गया है। इसके बिना पैसों से जुड़ी स्कीम या कोई अन्य काम कर पाना मुश्किल है। लेकिन तब क्या होगा, जब पैन कार्ड ही बंद हो जाए, ऐसे में जहां भी पैन कार्ड लिंक होगा। उस योजना का लाभ पाने में परेशानी आएगी।

इसलिए ये आर्टिकल आपके लिए बड़े काम का होने वाला है। आज हम घर बैठे ही ये चेक कर सकते हैं कि पैन कार्ड बंद हो गया या नहीं। आइए इनके स्टेप्स भी देख लेते हैं।

स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
पैन कार्ड से जुड़ा स्टेटस चेक करने के लिए आपको नीचे दिए स्टेप्स को फॉलो करना होगा।

स्टेप 1- सबसे पहले आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाना होगा।

स्टेप 2- अब यहां आपको Quick Link का ऑप्शन दिखाई देगा, इस पर क्लिक करें।

स्टेप 3- यहां दिए गए सभी ऑप्शन में से Verify Pan Status पर क्लिक करें।

स्टेप 4- इसके बाद एक नया पेज खुलेगा, इस पर मांगी गई जानकारी ध्यान से भरें।

जैसे आपको यहां पैन नंबर, पैन पर लिखा गया नाम, जन्मतिथि और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर इत्यादि भरना होगा।

स्टेप 5- अब Continue वाले ऑप्शन पर क्लिक करें।

स्टेप 6- फिर आपको पैन कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।

स्टेप 7- ओटीपी दर्ज कर Validate वाले ऑप्शन पर क्लिक करें।

स्टेप 8- अगर आपका पैन कार्ड बंद नहीं हुआ है, तो स्क्रीन पर ये लिखा आएगा-

इस तरह से आप पैन कार्ड स्टेटस घर बैठे ही मोबाइल फोन पर पता कर पाएंगे। पैन कार्ड पर दिए गए नंबरों का मतलब होता है, ये नंबर आपकी निजी जानकारी से जुड़े हुए होते हैं।

क्या है पैन नंबर का मतलब?
पैन नंबर आपके द्वारा दी गई निजी जानकारी पर आधारित होता है। पैन नंबर के पहले तीन नंबर अंग्रेजी अक्षर होते हैं। ये AAA अक्षर से लेकर ZZZ के बीच कुछ हो सकता है।

चौथा अक्षर कार्ड होल्डर की टैक्स कैटेगरी को दर्शाता है। मसलन अगर कोई व्यक्ति कार्डहोल्डर है, तो उसे P अक्षर से दर्शाया जाता है। इसके अलावा कंपनी को C अक्षर से शो किया जाता है।

पांचवा नंबर आपके सरनेम का पहला अक्षर लिखा गया होता है। जैसे अगर सरनेम शर्मा (Sharma) है, तो 5 वां नंबर S लिखा जाएगा। बाद के नंबर इनकम टैक्स विभाग द्वारा तय किए जाते हैं।

इस तरह से अलग-अलग व्यक्ति के लिए अलग-अलग पैन कार्ड डिजाइन किए जाते हैं।

]]>
बीत गए IndusInd Bank के बुरे दिन! RBI के बयान से शेयरों में 4% की तेजी https://wenews.co.in/NewsArticle/147414/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:28 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147414/

डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में हुए घोटाले के बाद से इंडसइंड बैंक के शेयर सुर्खियों में है, आज आरबीआई के एक बयान से इनमें एक्शन देखने को मिला है। ये बैंक शेयर आज 6 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए। दरअसल, आरबीआई गवर्नर ने बैंक की हालिया परेशानियों, जिसमें ऑडिट संबंधी खामियां शामिल हैं, पर टिप्पणी की।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने मुंबई में मॉनेटरी पॉलिसी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इंडसइंड बैंक ने अकाउंटिंग प्रैक्टिस में सुधार के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। कुल मिलाकर बैंक अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।” इंडसइंड बैंक के शेयर फिलहाल पौने 3 फीसदी की बढ़त के साथ 824 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।

‘जरूरत पड़ी तो देंगे दखल’
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इंडसइंड के एमडी और सीईओ ने इस्तीफा दे दिया है, यह अच्छा होना है। इंडसइंड में हुई धोखाधड़ी को लेकर कानून अपना काम करेगा। अगर हमें दखल देना पड़ा तो हम पीछे नहीं हटेंगे।
वहीं, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर जे स्वामीनाथन ने कहा, “इंडसइंड के मामले में, यह मुद्दा बहुत जल्द सुलझ जाना चाहिए। हम बैंकिंग प्रणाली की निगरानी करते रहेंगे।”

उधर गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा, “आमतौर पर हम अलग-अलग बैंकों पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हमें इंडसइंड बैंक में धोखाधड़ी को लेकर अटकलें नहीं लगानी चाहिए।”

गड़बड़ी के बाद से चर्चा में बैंक
बता दें कि इंडसइंड बैंक इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहा है और फॉरेंसिक ऑडिट चल रहा है। इस साल मार्च में बैंक ने डेरिवेटिव अकाउंटिंग में चूक के कारण अपनी नेटवर्थ को 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने के बारे में बताया था। इसके बाद बैंक में और भी अकाउंटिंग अनियमितताएं उजागर हुईं और यह एक नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित एक नई नेतृत्व टीम की नियुक्ति की प्रक्रिया में है।

पिछले महीने, बाजार नियामक सेबी ने कथित तौर पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप में इंडसइंड बैंक के पूर्व सीईओ, डिप्टी सीईओ और तीन अन्य को अगले आदेश तक सिक्योरिटी मार्केट में ट्रेड करने पर रोक लगा दी थी।

(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की राय नहीं है. चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजर जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें.)

]]>
तगड़ी तेजी के बाद YES Bank के शेयरों में जोरदार गिरावट https://wenews.co.in/NewsArticle/147300/ Tue, 03 Jun 2025 08:07:28 +0000 https://amarrashtra.com/?p=147300 यस बैंक के शेयरों में तेजी के बाद फिर से बिकवाली हावी हो गई है। आज यह बैंक स्टॉक 8 फीसदी से ज्यादा टूट गया है। दरअसल, यस बैंक के शेयरों में यह गिरावट बैंक के उस बयान के बाद आई है जिसमें साफ किया गया है कि सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) द्वारा पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में कंट्रोलिंग स्टैक हासिल करने के लिए RBI की मंजूरी मांगने से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट “तथ्यात्मक रूप से गलत” थी।

बैंक का यह बयान बोर्ड के बैठक से पहले आया है जिसमें इक्विटी शेयरों, डेट सिक्योरिटी या प्राइवेट प्लेसमेंट के माध्यम से पूंजी जुटाने पर चर्चा होनी है। इससे पहले SMBC द्वारा बैंक में हिस्सेदारी खरीदने की अटकलों के चलते यस बैंक के शेयरों में लगातार तेजी देखने को मिल रही थी।

30% तक उछल गए थे यस बैंक के शेयर
यस बैंक के शेयर आज तगड़ी गिरावट के साथ 21.31 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। एसएमबीसी के मुद्दे पर बैंक की ओर से आई सफाई के कारण इस बैंक शेयर ने 2 जून को मिली सारी बढ़त गंवा दी।

कल यस बैंक के शेयर 21.40 रुपये पर ओपन हुए थे और 23.39 रुपये का हाई लगाकर 23.28 रुपये के स्तर पर बंद हुए। मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, 20-21 रुपये का स्तर यस बैंक के शेयरों के लिए एक अहम सपोर्ट है। पिछले एक महीने में यस बैंक के शेयर 30 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए थे।

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा था कि जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से यस बैंक में 20% हिस्सेदारी हासिल करने की प्लानिंग कर रही है।

इस खबर से रिटेल निवेशकों के मन में यस बैंक को लेकर मजबूत धारणा बन थी। क्योंकि, इस डील के बाद SMBC यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाता।

(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों को लेकर दी गई जानकारी निवेश की सलाह नहीं है। चूंकि, स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

]]>
RBI जल्द करेगा Repo Rate में कटौती, इतनी सस्ती हो सकती है आपके होम लोन की EMI https://wenews.co.in/NewsArticle/147296/ Tue, 03 Jun 2025 07:49:44 +0000 https://amarrashtra.com/?p=147296 कितना कम हो सकता है ईएमआई
नीचे दी गई कैलकुलेशन में हमने ये माना है कि बैंक द्वारा भी ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती की गई है। हालांकि रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दर कितना कम होगा, ये बैंकों पर आधारित होता है। इसके साथ ही अलग-अलग व्यक्ति का लोन इंटरेस्ट रेट अलग-अलग हो सकता है। कैलकुलेशन 30 लाख रुपये लोन सबसे पहले जानते हैं कि अगर व्यक्ति द्वारा 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया जाता है, तो रेपो रेट कम होने से ईएमआई पर कितनी बचत होगी। अवधि- 20 साल अमाउंट- 30 लाख रुपये 20 साल के लिए 30 लाख रुपये लोन पर 7.9 ब्याज दर के हिसाब से अभी हर महीने 24,907 रुपये ईएमआई भरने होते हैं। वहीं 0.5 गिरावट के बाद ये ईएमआई 23,985 रुपये हो सकती है। इसका मतलब है कि ब्याज दर कम होने से हर महीने 922 रुपये की बचत होगी। 50 लाख रुपये लोन अवधि- 20 साल अमाउंट- 50 लाख रुपये इसी तरह अगर 7.9 फीसदी के हिसाब से 20 साल के लिए 50 लाख रुपये तक का लोन लिया जाए, तो हर महीने 41,511 रुपये ईएमआई के रूप में देने होते हैं। अगर ये ब्याज दर 7.4 फीसदी हो जाता है, तो ये ईएमआई ₹39,974 रुपये हो जाएगा। इस तरह 1537 रुपये की बचत हो सकती है। 70 लाख रुपये का लोन अवधि- 20 साल अमाउंट- 70 लाख रुपये ऐसी ही 7.9 ब्याज के हिसाब से 20 साल के लिए 70 लाख रुपये लोन पर ईएमआई 58,116 रुपये है। अगर ये ब्याज दर 7.4 फीसदी हो जाता है, तो ईएमआई 55,964 रुपये प्रति माह बनेगी। इस तरह से हर महीने 2152 रुपये की बचत हो जाएगी। ]]>
GDP के बाद GST कलेक्शन में भी उछाल, जानिए मई में सरकारी खजाने में आए कितने रुपये? https://wenews.co.in/NewsArticle/147231/ Mon, 02 Jun 2025 07:54:50 +0000 https://amarrashtra.com/?p=147231 उम्मीद से बेहतर जीडीपी डेटा आने के बाद अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और राहत भरी खबर आई है। मई में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन (GST revenue May 2025)16.4 प्रतिशत बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। जीएसटी कलेक्शन में यह उछाल अप्रैल में रिकॉर्ड हायर कलेक्शन के बाद आया है, जब रेवेन्यू ने 2.37 लाख करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई लेवल को छू लिया है।

मई में, घरेलू लेनदेन से ग्रॉस रेवेन्यू 13.7 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात से जीएसटी राजस्व 25.2 प्रतिशत बढ़कर 51,266 करोड़ रुपये रहा।

राज्यवार जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े मई में ग्रॉस सेंट्रल जीएसटी रेवेन्यू (monthly GST collection) 35,434 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी रेवेन्यू 43,902 करोड़ रुपये और इंटीग्रेटेड जीएसटी लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये रहा। सेस से राजस्व 12,879 करोड़ रुपये रहा। मई, 2024 में यह कलेक्शन 1,72,739 करोड़ रुपये था। इसके अलावा,नेट जीएसटी कलेक्शन लगभग 1.74 लाख करोड़ रहा, जो साल-दर-साल आधार पर 20.4 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है।

अगर राज्यवार जीएसटी कलेक्शन की बात करें तो महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों ने कलेक्शन में 17 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की है. वहीं गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों ने 6 प्रतिशत तक की वृद्धि दिखाई है। सबसे ज्यादा रेवेन्यू 31,530 करोड़ रुपये महाराष्ट्र से आया, जबकि तमिलनाडु से 12,230 करोड़ और कर्नाटक का योगदान 14,299 करोड़ रुपये रहा।

मई 2025 के जीएसटी कलेक्शन पर पार्टनर टैक्स कनेक्ट एजवाइजरी सर्विसेज लिमिटेड के पार्टनर विवेक जालान ने कहा, “घरेलू जीएसटी रेवेन्यू में लगभग 10% की वृद्धि और आयात जीएसटी राजस्व में 73% की वृद्धि के चलते, यह बहुत स्पष्ट है कि इस महीने जीएसटी रेवेन्यू में बढ़ोतरी घरेलू खपत से ज्यादा आयात से आई है। साल की शुरुआत से अब तक के आंकड़े भी इसी तरह की प्रवृत्ति दर्शाते हैं। इस दौरान एक्सपोर्ट रिफंड बढ़ते हुए नहीं दिख रहा है, ऐसे में यह स्पष्ट हो रहा है कि आयात में वृद्धि, निर्यात वृद्धि से कहीं ज्यादा है।

जालान ने कहा कि जीएसटी आंकड़ों में आयात वृद्धि से आया उछाल ट्रम्प 2.0 का नतीजा हो सकता है क्योंकि कई देश भारत में अपना माल डंप कर रहे हैं, क्योंकि वे अमेरिका में कम बेच रहे हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो सकता है कि भारत को भी निकट भविष्य में विभिन्न उत्पादों पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाकर जवाब देना पड़े।

]]>