देश-विदेश – We News https://wenews.co.in Hindi News, Lifestyle & Entertainment Articles Mon, 09 Jun 2025 14:45:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 मैतेयी संगठन के नेता की गिरफ्तारी के बाद इंफाल में तनाव, सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी; इंटरनेट बंद https://wenews.co.in/NewsArticle/147454/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:20 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147454/

मैतेयी संगठन अरामबाई तेंगोल के एक नेता की गिरफ्तारी के बारे में पता चलने पर शनिवार रात इंफाल के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन तेज हो गया। गिरफ्तार किए गए नेता का नाम या उनके खिलाफ आरोपों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इंफाल में हालात तनावपूर्ण हैं। वहीं, इलाके में इंटरनेट भी पांच दिन लिए बंद कर दिया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने नेता की रिहाई की मांग की
प्रदर्शनकारियों ने नेता की रिहाई की मांग करते हुए क्वाकीतेल और उरिपोक में सड़क के बीच में टायर जलाया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।

प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा लोग शामिल हैं जो मैतेई स्वयंसेवी समूह अरंबाई टेंगोल (एटी) के सदस्य हैं, जिस पर कुकी जनजातियां जातीय संघर्ष के चरम पर उनके गांवों पर हमला करने का आरोप लगाती हैं।

इम्फाल में यह विरोध कुकी जनजातियों द्वारा सीमावर्ती शहर मोरेह से उनके समुदाय के एक संदिग्ध की गिरफ्तारी के विरोध में किए जा रहे आंदोलन के बीच हुआ है, जिस पर अक्टूबर 2023 में एक पुलिस अधिकारी की स्नाइपर राइफल से हत्या करने का आरोप है।

टेंग्नौपाल जिले में बंद का आह्वान
कुकी नागरिक समाज समूहों ने मणिपुर पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद की हत्या के मामले में आरोपी कामगिनथांग गंगटे की मनमाने ढंग से गिरफ्तारी का आरोप लगाया और मोरेह स्थित टेंग्नौपाल जिले में बंद का आह्वान किया।

एनआईए मणिपुर में कई मामलों की जांच कर रही है
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मणिपुर में कई मामलों की जांच कर रही है, जिसमें एटी प्रमुख कोरोंगनबा खुमान के खिलाफ मामला भी शामिल है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि राज्य में जातीय आधार पर काफी विभाजन है, इसलिए जब भी जांचकर्ता औपचारिक प्रक्रिया के तहत संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए आगे बढ़ते हैं, तो उन्हें दोनों समुदायों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ता है।

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चिनाब ब्रिज बनाने में महिला प्रोफेसर ने दिए जिंदगी के 17 साल https://wenews.co.in/NewsArticle/147456/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:20 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147456/

जम्मू-कश्मीर में बना चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। इस शानदार ब्रिज का उद्घाटन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।

यह ब्रिज 272 किलोमीटर लंबे उद्धमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) का हिस्सा है, जिसे 2003 में मंजूरी मिली थी। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक अहम किरदार की खासा चर्चा हो रही है। प्रोफेसर जी. माधवी लता ने चिनाब ब्रिज की डिजाइन, प्लानिंग और कंस्ट्रक्शन में 17 साल तक मेहनत की और रिजल्ट दिया। इसके साथ ही प्रोफेसर लता की उस अप्रोच की भी चर्चा हो रही है जिसकी वजह से ब्रिज तैयार हो सका।

कौन हैं प्रोफेसर माधवी लता?
बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) में प्रोफेसर माधवी लता ने जियोटेक्निकल सलाहकार के तौर पर काम किया। उन्होंने ब्रिज बनाने वाली कंपनी Afcons के साथ मिलकर इसकी प्लानिंग, डिजाइन और कंस्ट्रक्शन में मदद की। खास तौर पर, उन्होंने उस मुश्किल इलाके की चुनौतियों को समझा और उनका हल निकाला, जहां यह ब्रिज बनाया गया।

प्रोफेसर माधवी लता ने 1992 में जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया, जहां उन्हें फर्स्ट क्लास के साथ डिस्टिंक्शन मिला। इसके बाद, उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वारंगल से जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में एम.टेक किया और गोल्ड मेडल हासिल किया।

साल 2000 में, उन्होंने IIT-मद्रास से जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की। अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर उन्हें कई पुरस्कार मिले। 2021 में इंडियन जियोटेक्निकल सोसाइटी ने उन्हें बेस्ट वुमन जियोटेक्निकल रिसर्चर अवॉर्ड दिया। 2022 में उन्हें भारत की टॉप 75 वुमन इन STEAM में भी शामिल किया गया।

क्यों बनाया गया चिनाब ब्रिज?
चिनाब ब्रिज कश्मीर घाटी में रेल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। सरकार के मुताबिक, यह ब्रिज भारत के किसी भी रेलवे प्रोजेक्ट में सबसे बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती थी। यह ब्रिज 359 मीटर ऊंचा है, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा है। चिनाब ब्रिज को बनाने में 1,486 करोड़ रुपये की लागत आई।

इस ब्रिज का निर्माण मुश्किल था क्योंकि इलाका ऊबड़-खाबड़ था, मौसम की मार थी और जगह सूदूर दूर थी। फिर भी, इस ब्रिज ने इंजीनियरिंग की दुनिया में नया कीर्तिमान बनाया।

इस प्रोजेक्ट में प्रोफेसर लता का योगदान खास क्यों हैं?
चिनाब ब्रिज के निर्माण में प्रोफेसर लता की टीम ने “डिजाइन-एज-यू-गो” तरीका अपनाया। इसका मतलब था कि जैसे-जैसे काम आगे बढ़ा, वैसे-वैसे डिजाइन में बदलाव किए गए। इलाके में टूटी-फूटी चट्टानें, छिपी हुई गुफाएं और चट्टानों की अलग-अलग खासियतें थीं, जो शुरुआती सर्वे में नहीं दिखी थीं।

प्रोफेसर लता ने जटिल कैलकुलेशन कीं और डिजाइन में बदलाव सुझाए। उन्होंने रॉक एंकर्स की डिजाइन और उनकी सही जगह तय करने में अहम सलाह दी, ताकि ब्रिज की मजबूती कायम रहे।

हाल ही में, उन्होंने इंडियन जियोटेक्निकल जर्नल के महिला विशेषांक में एक पेपर छापा, जिसमें चिनाब ब्रिज के डिजाइन के बदलते सफर को बयान किया गया। इस पेपर का नाम है “डिजाइन एज यू गो: द केस स्टडी ऑफ चिनाब रेलवे ब्रिज।”

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 ‘डेमोक्रेट्स की मदद की तो मस्क को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम’, पुराने दोस्त को ट्रंप की खुली धमकी https://wenews.co.in/NewsArticle/147458/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:20 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147458/

 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पूर्व सहयोगी एवं उद्योगपति एलन मस्क के साथ कर कटौती एवं व्यय विधेयक को लेकर छिड़ी अपनी लड़ाई में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

मस्क को ट्रंप ने दी धमकी

शनिवार को उन्होंने कहा कि उन्हें अपने रिश्ते को सुधारने की कोई इच्छा नहीं है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर मस्क ने आगामी मध्यावधि चुनावों में डेमोक्रेट्स की मदद करने की कोशिश की तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

मस्क के साथ समझौता करने का कोई इरादा नहीं- ट्रंप

ट्रंप ने एनबीसी की क्रिस्टन वेल्कर को फोन पर दिए साक्षात्कार में बताया कि उनका मस्क के साथ समझौता करने का कोई इरादा नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या टेस्ला और स्पेसएक्स के खरबपति सीईओ के साथ उनका रिश्ता खत्म हो गया है, ट्रंप ने जवाब दिया, ”मुझे लगता है कि ऐसा ही है।”

उन्होंने आगे कहा, ”मैं अन्य कामों में बहुत व्यस्त हूं। आप जानते हैं, मैंने एक चुनाव में भारी जीत हासिल की। मैंने उन्हें बहुत सारे ब्रेक दिए, इससे बहुत पहले मैंने उन्हें अपने पहले प्रशासन में ब्रेक दिए और अपने पहले प्रशासन में उनकी जान बचाई। मेरा उनसे बात करने का कोई इरादा नहीं है।”

मस्क कर सकते हैं डेमोक्रेटिक सांसदों और उम्मीदवारों का समर्थन

मस्क 2026 के मध्यावधि चुनावों में डेमोक्रेटिक सांसदों और उम्मीदवारों का समर्थन कर सकते हैं, इन अटकलों के बीच ट्रंप ने इस चर्चा के बीच चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, ”अगर वह ऐसा करते हैं, तो उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे।” हालांकि उन्होंने यह बताने से इन्कार कर दिया कि वे परिणाम क्या होंगे। साथ ही कहा कि मस्क के विरुद्ध जांच के बारे में उन्होंने कोई विचार-विमर्श नहीं किया है।

अनुबंधों की करेंगे समीक्षा

इससे पहले शुक्रवार को एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि संघीय सरकार के साथ मस्क के व्यापक अनुबंधों की समीक्षा की जानी चाहिए। उनका कहना था कि हम हर चीज पर गौर करेंगे, यह काफी पैसे की बात है। साथ ही यह भी कहना था कि उनकी मस्क से बात करने की कोई योजना नहीं है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी का कहना था कि ट्रंप लाल रंग की उस टेस्ला माडल-एस कार से भी छुटकारा पा सकते हैं जिसे उन्होंने व्हाइट हाउस के लान में प्रदर्शित किया था।

मस्क ने सीधे कुछ नहीं कहा

मस्क ने ट्रंप के लिए सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के कर कटौती एवं व्यय विधेयक की आलोचना जारी रखी। एक्स पर उन्होंने अन्य लोगों की उन टिप्पणियों को आगे बढ़ाया कि ट्रंप के ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ से रिपब्लिकन को राजनीतिक नुकसान होगा और देश के 36.2 लाख करोड़ डालर के कर्ज में बढ़ोतरी होगी।

मस्क बना सकते हैं नई पार्टी

उन्होंने एक अन्य एक्स यूजर की पोस्ट पर लिखा ‘बिल्कुल’, जिसने लिखा था कि मस्क ने संसद की आलोचना की थी और ट्रंप ने मस्क की व्यक्तिगत आलोचना करके जवाब दिया। मस्क ने यह भी घोषणा की कि यह समय 80 प्रतिशत मध्यवर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली नई पार्टी बनाने का है।मस्क से बात करने वाले एक व्यक्ति के अनुसार, उनका गुस्सा कम होने लगा है और उन्हें लगता है कि वह ट्रंप से रिश्ते सही करना चाहते हैं। मस्क ने ट्रंप की आलोचना करने वाले कुछ इंटरनेट मीडिया पोस्ट हटा दिए थे, जिनमें से एक पोस्ट में राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग के समर्थन का संकेत दिया गया था।

ट्रंप को विश्वास, पारित हो जाएगा विधेयक

मस्क के विरोध के कारण संसद में कर कटौती एवं व्यय विधेयक को पारित कराना जटिल हो गया है। प्रतिनिधि सभा और सीनेट में रिपब्लिकन पार्टी का मामूली बहुमत है। पिछले महीने यह विधेयक सदन में बहुत कम अंतर से पारित हुआ था और अब सीनेट के समक्ष है, जहां ट्रंप के साथी रिपब्लिकन इसमें बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं।निष्पक्ष विश्लेषकों का अनुमान है कि इस उपाय से 10 वर्षों में अमेरिकी ऋण में 2.4 लाख करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी होगी। ट्रंप ने शनिवार को साक्षात्कार में विश्वास जताया कि यह विधेयक अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस यानी चार जुलाई तक पारित हो जाएगा।

मध्यावधि चुनाव में हो सकती है मुश्किल

मस्क ने 2024 में ट्रंप के चुनाव प्रचार के खर्च का एक बड़ा हिस्सा वहन किया था। अगर मस्क वित्तीय सहायता रोक देते हैं या सिलकान वैली के अन्य प्रमुख कारोबारी ट्रंप से दूरी बना लेते हैं तो अगले वर्ष मध्यावधि चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के लिए संसद पर नियंत्रण बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। मस्क पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने अपने राजनीतिक खर्च में कटौती करने की योजना बनाई है।

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 ट्रंप को मस्क की धमकी के बाद पेंटागन और अमेरिकी खुफिया एजेंसी भी मुश्किल में फंसी https://wenews.co.in/NewsArticle/147460/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:20 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147460/

एलन मस्क की ओर से नासा के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के उपयोग को रोकने की धमकी अंतरिक्ष एजेंसी और पेंटागन के लिए बड़ा झटका हो सकता है। इससे एजेंसी को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने में सक्षम इकलौता अमेरिकी वाहन से वंचित होना पड़ सकता है।

एक्स पर पोस्ट यह धमकी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बढ़ती लड़ाई के दौरान आई थी, जब ट्रंप ने मस्क की कंपनी के सभी संघीय अनुबंधों को रद करने की धमकी दी थी। हालांकि, धमकी के कई घंटे बाद मस्क ने कहा था कि ठीक है, हम ड्रैगन को बंद नहीं करेंगे।

नासा के Future Plans फिरा पानी?
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पेसएक्स के कई संघीय कार्यक्रमों के महत्व को देखते हुए संबंधों को तोड़ना नासा के साथ-साथ पेंटागन और खुफिया एजेंसियों को भी मुश्किल में डाल सकता है। पिछले कुछ वर्षों में स्पेसएक्स संवेदनशील राष्ट्रीय सुरक्षा पेलोड को प्रक्षेपित करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

नासा की प्रेस सचिव बेथनी स्टीवंस ने यह नहीं बताया कि अगर सच में मस्क ऐसा करते हैं तो नासा स्पेसएक्स के बिना अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष स्टेशन तक कैसे पहुंचाएगा।

उन्होंने केवल इतना कहा कि नासा अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति के दृष्टिकोण पर काम करना जारी रखेगा। विवाद के बीच टेस्ला के शेयरों में 152 अरब डॉलर की बिकवाली के बाद चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

रिपब्लिकन ने ट्रंप और मस्क से झगड़ा खत्म करने का किया आग्रह
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच चल रहे टकराव के संभावित परिणामों से रिपब्लिकन पार्टी भयभीत है। वह दोनों से तनाव कम करने का आग्रह कर रही है। दोनों के टकराव से पार्टी के आगे की राह मुश्किल हो सकती है।

वाशिंगटन स्टेट के रिपब्लिकन प्रतिनिधि डैन न्यूहाउस ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि यह हमें उस काम को करने से विचलित नहीं करेगा, जो हमें करना चाहिए। मुझे लगता है कि वे अपने संबंधों को सुधार लेंगे। शुक्रवार दोपहर तक मस्क ने राष्ट्रपति पर हमला करने के बजाय इंटरनेट मीडिया पर अपनी विभिन्न कंपनियों के बारे में पोस्ट किया।

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इजरायल ने ग्रेटा थनबर्ग के शिप को रोका, गाजा नहीं पहुंच पाया जहाज https://wenews.co.in/NewsArticle/147462/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:20 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147462/

इजरायल ने गाजा जा रहे फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन के एक मैडलीन जहाज को हिरासत में ले लिया है। इजरायली कमांडो ने मानवीय सहायता के लिए काम करने वाले जहाज को रोक लिया है, जिसमें जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और अन्य लोग गाजा पट्टी जा रहे हैं। इस जहाज पर ग्रेटा थनबर्ग समेत 12 एक्टिविस्ट सवार हैं।

रीमा हसन, यूरोपीय संसद की सदस्य (एमईपी), जो ब्रिटिश ध्वज वाली नौका मैडलीन पर सवार कार्यकर्ताओं में से एक हैं,उन्होंने एक फोटो पोस्ट की जिसमें लाइफ जैकेट पहने लोग हाथ ऊपर करके बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं।

रीमा हसन ने एक्स पर किया पोस्ट

रीमा हसन ने एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा, फ्रीडम फ्लोटिला के चालक दल को इजरायली सेना ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में रात करीब 2 बजे गिरफ्तार कर लिया।

इस अभियान के पीछे के मानवीय समूहों के गठबंधन एफएफसी ने टेलीग्राम एप पर कहा कि मैडलीन पर ‘कनेक्शन टूट गया है’, और कहा कि यात्रियों का इजरायली बलों की तरफ से अपहरण कर लिया गया है।

सिसिली से रवाना हुए जहाज का उद्देश्य सहायता पहुंचाना और गाजा पर इजरायल की नौसेना की नाकाबंदी को चुनौती देना था, जो इजरायल-हमास युद्ध से पहले से लागू है। जहाज को इजरायली हमले की संभावना के लिए तैयार किया गया था।

पोस्ट में ग्रेटा पर आरोप

पोस्ट में ‘ग्रेटा और अन्य’ पर मीडिया में उकसावे का कोशिश का आरोप लगाया गया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रचार प्राप्त करना था और दावा किया गया है कि पिछले दो हफ्तों में गाजा में पर्याप्त सहायता पहुंच गई है।

सेलिब्रिटीज की ‘सेल्फी नौका’ सुरक्षित रूप से इजरायल के तटों की ओर बढ़ रही है। ग्रेटा और अन्य लोगों ने मीडिया में एक ऐसा उकसावे का नाटक करने की कोशिश की जिसका एकमात्र उद्देश्य प्रचार प्राप्त करना था ,- पिछले दो हफ्ते में 1,200 से अधिक सहायता ट्रक इजरायल से गाजा में एंटर कर चुके हैं। इसके अलावा, गाजा मानवतावादी फाउंडेशन ने गाजा में नागरिकों को सीधे तौर पर लगभग 11 मिलियन भोजन बांटे हैं।

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PM मोदी ने मोहम्मद यूनुस को दी बकरीद की बधाई https://wenews.co.in/NewsArticle/147464/ Mon, 09 Jun 2025 14:45:20 +0000 https://wenews.co.in/NewsArticle/147464/

बांग्लादेश के अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि आपसी सम्मान और समझ की भावना लोगों के कल्याण के लिए काम करने में भारत और बांग्लादेश का मार्गदर्शन करती रहेगी। 

नका यह बयान पीएम मोदी के उस संदेश के जवाब आया है, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश के लोगों और वहां के अंतरिम नेता यूनुस को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दी थीं।

मोहम्मद यूनुस ने की पीएम मोदी की लीडरशिप की तारीफ

यूनुस ने रविवार को एक्स पर इस संबंध में दो पत्र पोस्ट किए। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का विचारशील संदेश दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों को दर्शाता है।

उन्होंने प्रधानमंत्री और भारत के लोगों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छह जून को लिखे पत्र में कहा कि मुझे विश्वास है कि आपसी सम्मान और समझ की भावना हमें दोनों देशों के लोगों की भलाई के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करती रहेगी।

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ऑपरेशन सिंदूर को एक महीना पूरा, आज भी जख्म भूल नहीं पा रहा पाकिस्तान https://wenews.co.in/NewsArticle/147450/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:54 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147450/

आज से ठीक एक महीने पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान के लिए कयामत की रात ला दी थी, जब भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था। भारत द्वारा दिए गए इस गहरे घाव की मार पाकिस्तान अभी तक झेल रहा है।

इस बीच राजस्थान में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के दक्षिणी क्षेत्र में 7 जून और 8 जून को भारतीय वायुसेना (IAF) बड़े स्तर पर अभ्यास करने वाली है, जिसे लेकर इंडियन एअरफोर्स ने एअरमेन को नोटिस (NOTAM) जारी किया है।

कब से कब तक आयोजित होगा अभ्यास
यह अभ्यास भारतीय वायुसेना नियमित तैयारियों का एक हिस्सा है, जो सीमा क्षेत्र के निकट हवाई क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। NOTAM के अनुसार, 7 जून को दोपहर 3.30 बजे शुरू होगा और अगले दिन 8 जून को रात 8.30 बजे समाप्त होगा।

इस दौरान अभ्यास में कोई बाधा उत्पन्न न हो इसके लिए अभ्यास क्षेत्र के ऊपर हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। आईएएफ के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि युद्ध अभ्यास के दौरान प्लेटफॉर्मों और अन्य सहायक प्रणालियों के अलावा राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 जैसे फ्रंटलाइन फाइटर जेट सहित कई उन्नत डिफेंस सिस्टम शामिल होंगे।

पीएम मोदी का बयान
बता दें, ऑपरेशन सिंदूर को एक महीने हो चुका है और पाकिस्तान अभी तक इसके सदमे से बाहर नहीं आया है। 6 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से ठीक एक महीने पहले, 6 मई की रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी।

उन्होंने कहा, “अब ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनते ही पाकिस्तान को अपनी शर्मनाक हार याद आएगी। यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का प्रतीक है।”

भारत ने पाकिस्तान पर क्या-क्या कार्रवाई की?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल को भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया।

यह संधि 1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसमें सिंधु नदी के पानी का बंटवारा हुआ था।

सिंधु जल संधि के अनुसार, पाकिस्तान को नदी का 80% पानी मिलता था।
संधि निलंबित करने के बाद पाकिस्तान में पानी की कमी होने लगी।

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत
पहलगाम में आतंकवादियों ने 22 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी। इस हमले में आतंकियों ने भारतीय हिन्दू पुरुषों को निशाना बनाया था। भारत ने इस हमले का जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद के साथ द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को ठहराया था।

आतंकी हमले के बाद भारत ने 6 और 7 मई की रात 1.05 बजे से लेकर 1.30 तक ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। ऑपरेशन सिंदूर 2016 सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एअरस्ट्राक के बाद भारत का आतंकियों पर तीसरा बड़ा हमला था।

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खतरे में खेती: ढाई दशक में 25 प्रतिशत तक घट सकता है खाद्यान्न उत्पादन https://wenews.co.in/NewsArticle/147444/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:54 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147444/

जलवायु परिवर्तन से खाद्य सुरक्षा को बड़ा झटका लग सकता है। तापमान में वृद्धि, अनियमित वर्षा, सूखा, बाढ़ और हीटवेव जैसी मौसमी घटनाओं का सीधा असर खेती पर पड़ सकता है, जिससे 2050 तक प्रमुख खाद्यान्न फसलों के उत्पादन में भारी कमी आ सकती है।

इंडियन नेटवर्क फार क्लाइमेट चेंज असेसमेंट (आइएनसीसीए) की रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा कमी गेहूं एवं धान जैसी प्रमुख फसलों की उपज में हो सकती है। गेहूं में 6 से 25 प्रतिशत और धान में 3 से 15 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।

खाद्यान्न उत्पादन में 10 से 30 प्रतिशत कमी की आशंका

ऐसा हाल सिंचित क्षेत्रों का होगा। असिंचित क्षेत्रों में खाद्यान्न उत्पादन में 10 से 30 प्रतिशत कमी की आशंका है। आइएनसीसीए की रिपोर्ट के बाद फेडरेशन ऑफ आल इंडिया फार्मर एसोसिएशन (फैफा) ने जलवायु परिवर्तन से संभावित क्षति पर चिंता जताते हुए किसानों की आय बढ़ाने वाली मौसम अनुकूल कृषि पर जोर दिया है।

नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के प्रयास तेज हों

संगठन ने विश्व पर्यावरण दिवस पर दिल्ली में सेमिनार का आयोजन कर एक विशेष रिपोर्ट जारी की, जिसमें खेती की चुनौतियों से निपटने के लिए नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के प्रयासों को रेखांकित किया गया।विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीक के जरिए ही जलवायु संकट से किसानों को बचाया जा सकता है। अक्षय ऊर्जा, सूक्ष्म सिंचाई एवं जैविक खेती के लिए सब्सिडी का प्रविधान हो, ताकि छोटे एवं सीमांत किसान भी सक्षम बनें।

छोटे किसानों की स्थिति चिंताजनक

फैफा के महासचिव मुरली बाबू का मानना है कि खेती पर जलवायु परिवर्तन का असर दिखने भी लगा है। मिट्टी की गुणवत्ता कम हो रही है। भूजल स्तर गिर रहा है। छोटे किसानों की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है।इसी प्रयास में आइसीएआर ने देशभर के 6.93 लाख किसानों तक मौसम और मिट्टी के अनुकूल खेती की तकनीक पहुंचाकर किसानों को प्रशिक्षित किया। जलवायु अनुकूल गांवों का विकास किया गया।

भविष्य के खतरे से निपटने के लिए करने होंगे ये काम

भविष्य के खतरे से निपटने के लिए फैफा ने सरकरार से जलवायु अनुकूल बीजों के लिए शोध में निवेश बढ़ाने, परंपरागत खेती एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने, सटीक कृषि उपकरणों की उपलब्धता आदि पर फोकस बढ़ाने का आग्रह किया है। खेती को टिकाऊ, लाभदायक और पर्यावरण के अनुरूप बनाकर देश के करोड़ों किसानों की आजीविका को सुरक्षित किया जा सकता है।

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LGBTQ+ कपल्स को मद्रास हाईकोर्ट ने सुनाई खुशखबरी https://wenews.co.in/NewsArticle/147446/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:54 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147446/

सुप्रीम कोर्ट ने यद्यपि समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह को वैध नहीं ठहराया है, मगर वे एक परिवार बना सकते हैं। अब मद्रास हाईकोर्ट ने भी एक महिला को अपनी महिला साथी के साथ रहने की अनुमति देते हुए कहा है कि दोनों महिलाएं एक परिवार बना सकती हैं। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन और जस्टिस वी. लक्ष्मीनारायणन की खंडपीठ ने कहा कि ”परिवार” शब्द को विस्तृत अर्थ में समझना होगा।

25 वर्षीय एक महिला को कोर्ट में पेश करने और उसे रिहा करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ”हमारे द्वारा पूछे गए एक विशिष्ट प्रश्न पर बंदी (25 वर्षीय महिला) ने उत्तर दिया कि वह समलैंगिक है और याचिकाकर्ता के साथ संबंध में है।”

उसने अदालत को स्पष्ट कर दिया कि वह याचिकाकर्ता के साथ जाना चाहती है। उसने इस आरोप की पुष्टि की कि उसे उसके पैतृक परिवार द्वारा उसकी इच्छा के विरुद्ध ‘कैद’ में रखा जा रहा है। ”ऐसा प्रतीत होता है कि उसे जबरन उसके घर ले जाया गया और पीटा गया। उसने हमें बताया कि उसके पैतृक परिवार के सदस्यों ने उसे कुछ अनुष्ठान करने के लिए मजबूर किया ताकि वह ”सामान्य” हो जाए। उसे अपनी जान को भी खतरा होने की आशंका थी।”

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क्या 500 रुपये के नोट होने जा रहे बंद? सरकार ने बताया क्या है सच https://wenews.co.in/NewsArticle/147448/ Sat, 07 Jun 2025 16:55:54 +0000 https://akhandbharatnews.in/NewsArticle/147448/

यूट्यूब पर एक वीडियो में दावा किया गया कि 2026 तक 500 रुपये के नोट बंद हो जाएंगे। यह वीडियो पिछले कुछ दिनों से खूब वायरल हो रहा है। ये वीडियो लोगों को साल 2016 की याद दिला है जब 500 और एक हजार के नोट आमान्य घोषित कर दिए गए थे। लेकिन सवाल है कि क्या सच में साल 2026 तक फिर से 500 रुपये के नोट बंद हो जाएंगे?

इसका जबाव है कि ऐसा कुछ नहीं होना वाला है। भारत सरकार ने इस दावे को पूरी तरह गलत करार दिया है। सरकार ने साफ किया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है।

वीडियो में क्या दावा किया गया?
वायरल वीडियो ‘कैपिटल टीवी’ नाम के यूट्यूब चैनल ने 2 जून को अपलोड किया था। वीडियो में कहा गया कि मार्च 2025 से 500 रुपये के नोट धीरे-धीरे बंद होने शुरू होंगे। 12 मिनट के इस वीडियो को 5 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं। वीडियो में एंकर सूत्रों के हवाले से दावा करता है कि 500 के नोट साल 2026 के बाद बंद हो जाएंगे।

सरकार ने कर दिया फैक्ट चेक
भारत सरकार की प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट-चेक इकाई ने X पर पोस्ट करके कहा, “500 रुपये के नोट बंद नहीं हुए हैं और ये कानूनी तौर पर पूरी तरह मान्य हैं।”

PIB ने लोगों से अपील की कि वे ऐसी गलत खबरों पर यकीन न करें और न ही इन्हें फैलाएं। फैक्ट चेक इकाई ने सलाह दी, “हमेशा आधिकारिक स्रोतों से खबर की पुष्टि करें।”

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