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भारत-जापान के UNSC में स्थायी सीट के पक्ष में आया भूटान

भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में विश्व समुदाय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बड़े सुधार की मांग की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत और जापान जैसे योग्य देशों को स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए, ताकि आज की वैश्विक परिस्थितियों और जटिल चुनौतियों को सही तरीके से दर्शाया जा सके।

स्थायी और अस्थायी सदस्यता का विस्तार जरूरी’
भूटान के पीएम तोबगे ने कहा कि दुनिया आज कई गंभीर संकटों से जूझ रही है, जिनमें जलवायु संकट, गरीबी और लगातार बढ़ते संघर्ष शामिल हैं। ऐसे हालात में एक मजबूत, प्रतिनिधिक और प्रभावी संयुक्त राष्ट्र की जरूरत है, जो केवल प्रस्ताव पास करने तक सीमित न रहकर ठोस नतीजे दे। उन्होंने कहा, ‘भूटान संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समर्थन करता है, जिसमें सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी दोनों तरह की सदस्यता का विस्तार शामिल है। एक सुधारित सुरक्षा परिषद में भारत और जापान जैसे योग्य और सक्षम देशों के साथ अन्य अग्रणी देशों को भी शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आज की जटिल वास्तविकताओं को सही तरीके से प्रतिबिंबित किया जा सके।’

भारत के लिए समर्थन का संकेत
भूटान के प्रधानमंत्री का यह बयान भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थायी सदस्यता की मांग को सीधा समर्थन देता है। भारत एशिया का एक प्रमुख लोकतांत्रिक देश है और वैश्विक मुद्दों में उसकी भूमिका लगातार बढ़ी है। पीएम तोबगे का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में ब्रिक्स समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भारत और ब्राजील के लिए सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका की मांग की गई थी। इस बैठक की अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की थी।

ब्रिक्स की बैठक के संयुक्त बयान में कहा गया था, ‘हम सुरक्षा परिषद को अधिक लोकतांत्रिक, प्रतिनिधिक, प्रभावी और कुशल बनाने के लिए व्यापक सुधार की मांग दोहराते हैं। हम ब्राजील और भारत की संयुक्त राष्ट्र, विशेषकर सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका निभाने की आकांक्षा का समर्थन करते हैं।’ चीन और रूस, जो वर्तमान में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं, उन्होंने भी भारत और ब्राजील के समर्थन को दोहराया।

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