कानपुर क्रिस्टल प्लाजा विवाद, केडीए ने रद्द किया दुकानों का आवंटन

केडीए ने परेड चौराहे पर करीब 59 करोड़ की लागत से नौ साल पहले पांच मंजिला क्रिस्टल मल्टीलेवल पार्किंग के साथ कामर्शियल प्लाजा बनाया था। इतने वर्षों में केडीए का कामर्शियल प्रोजेक्ट, तो साकार न हो पाया और अब रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट (रेरा) का पेच और फंस गया है। कामर्शियल प्लाजा में दुकान (कियोस्क) बुक कराने वाली आवंटी ने केडीए के खिलाफ रेरा अथॉरिटी में शिकायत दर्ज कराई है।
इसके बाद आवंटियों को 6 से 7 सात फीसदी सालाना साधारण ब्याज के साथ जमा धनराशि वापस करने वाला केडीए बैकफुट पर आ गया है। केडीए ने पहली बार प्रोजेक्ट की दुकानों का आवंटन रद्द होने की बात स्वीकारते हुए शिकायत दर्ज कराने वाली आवंटी को नौ फीसदी ब्याज का ऑफर दिया गया है। हालांकि आवंटी ने इसे लेने से इन्कार कर दिया है। ई-ब्लाक, पनकी निवासी रिचा बाजपेई ने 28 अक्तूबर 2016 को केडीए क्रिस्टल के व्यावसायिक प्रोजेक्ट में चार वर्गमीटर का एक कियोस्क बुक कराया था।
जल्द आवंटन की बात कहकर टहलाया
इसके लिए उन्होंने 1.40 लाख रुपये केडीए में जमा किए। पंजीकरण की शर्तों में केडीए को दो साल यानी 2018 में कियोस्क का आवंटन करना था। रिचा ने कियोस्क की कुल कीमत 15,88,143 रुपये का भुगतान केडीए में कर दिया। रिचा ने बताया कि 2018 के बाद से ही वह कियोस्क के आवंटन के लिए केडीए के चक्कर काटती रहीं। उन्हें जल्द आवंटन की बात कहकर टहलाया जाता रहा। करीब तीन साल बाद केडीए के अधिकारियों ने आवंटन रद्द होने की बात कहनी शुरू कर दी।