उत्तर प्रदेश : स्मार्ट मीटर कंपनी का बड़ा घोटाला, मध्यांचल निगम को ऐसे लगाया लाखों का चूना

उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर कंपनियां पॉवर कॉर्पोरेशन को लाखों रुपये का चूना लगा रही हैं। ताजा मामला सीतापुर का है। यहां कंपनी के कार्मिक स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं के पुराने मीटर की रीडिंग शून्य कर दे रहे हैं या उसे क्षतिग्रस्त दिखा रहे हैं। इसे मीटर लगाने वाली कंपनी के कार्मिकों और उपभोक्ताओं की मिलीभगत मानी जा रही है।
इससे मध्यांचल निगम पुराना बिल नहीं वसूल पा रहा है। छह माह से नया बिल भी नहीं बन रहा है। इस मामले में मध्यांचल निगम के अवर अभियंता ने सीतापुर में स्मार्ट मीटर कंपनी के प्रबंधक सहित चार अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। गोंडा और बलरामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।
कंपनी ने पुराने मीटरों को लौटाया ही नहीं
प्रदेश में 2.73 करोड़ उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगने हैं। इसमें अब तक 34.05 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लग गए हैं। मध्यांचल निगम में पोलरिस स्मार्ट मीटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी स्मार्ट मीटर लगा रही है। इस बीच पता चला कि कंपनी ने पुराने मीटरों को लौटाया ही नहीं।
जांच की गई तो पता चला कि मीटर कंपनी के कर्मियों ने पुराने मीटर के डिस्प्ले को लेजर व अन्य माध्यमों से नष्ट कर दिया है। कुछ में मीटर रीडिंग शून्य कर दिया है। ऐसे में पुराने रीडिंग नहीं ली जा सकी। पुरानी रीडिंग शून्य करने से निगम को लाखों रुपये का चूना लगा दिया है। पुराने मीटर नहीं मिलने से नए मीटर की भी बिलिंग प्रभावित हो रही है।