
अब धराली में न जाने कब यात्रियों का रैला दिखाई देगा। कभी यहां के होटलों में रौनक रहती थी। शाम हो या दोपहर यात्रियों की चहल-कदमी से पूरे क्षेत्र में चहल-पहल बनी रहती थी लेकिन अब यहां वीरानी छाई है। पुराने दिनों को याद कर भावुक होती आपदा प्रभावित तीरथी देवी कहती हैं कि आंखों के सामने ही पूरा भरा-पूरा धराली पल भर में आपदा की भेंट चढ़ गया। कई बहुमंजिला होटलों और घरों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है।
बीते पांच अगस्त को खीरगंगा में आई आपदा के बाद अब स्थिति सामान्य होने में लंबा समय लगेगा। तीरथी देवी बतातीं हैं कि धराली में गरजते बादलों के साथ घबराए लोग पानी को देखने के लिए छाता लेकर छतों पर पहुंच रहे थे।
दोपहर होते-होते खीरगंगा का पानी बढ़ने लग गया था और उसके बाद अचानक इतनी विकराल हुई कि सब कुछ पलभर में बहाकर ले गई। अब हमारे पास धराली की वर्षों पुरानी यादों के साथ कुछ नहीं बचा है।