ओवल में ‘श्री शिव रुद्राष्टकम् स्तुति’ ने जगाई अदृश्य एकजुटता

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद: स्वरूपम्.. इंग्लैंड से 2-2 से सीरीज ड्रॉ कराकर आई भारतीय टीम के सदस्य आजकल श्री शिव रुद्राष्टकम् स्तुति बड़े ही मन से सुन रहे हैं। जब इंग्लैँड गए भारतीय दल के एक सदस्य से ये पूछा गया कि आपको पहले ये सुनते नहीं देखा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी कहानी बड़ी अद्भुत है।
उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के विरुद्ध ओवल में जब पांचवें टेस्ट मैच में भारतीय टीम उतरी थी तो उस मैच के साथ सीरीज भी दांव पर लगी थी। भारत को सीरीज बचाने के लिए हर हाल में जीत चाहिए थी। पहली पारी में भारत की शुरुआत बेहद खराब रही।
महज 38 रन के स्कोर पर यशस्वी जायसवाल (02) और केएल राहुल (14) पवेलियन लौट चुके थे। तभी टीम के मुख्य थ्रोडाउन स्पेशलिस्ट रघु ने भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में ‘श्री शिव रुद्राष्टकम’ बजा दिया। इसके बाद से पांचों दिन हमारे ड्रेसिंग रूम में यही स्तुति बजती रही। आखिर में हम मैच जीत गए।
ये है मान्यता
ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है तो किसी शिव मंदिर या घर में ही कुशा के आसन पर बैठकर लगातार सात दिनों तक सुबह-शाम, “श्री शिव रुद्राष्टकम्” स्तुति का पाठ करने से शिव जी बड़े से बड़े शत्रुओं का नाश पल भर में करते हैं और सदैव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय पाने के लिए रामेशवरम में शिवलिंग की स्थापना कर श्री शिव रुद्राष्टकम् स्तुति का श्रद्धापूर्वक पाठ किया था और परिणाम स्वरूप शिव की कृपा से रावण का अंत भी हुआ था।
इंग्लैंड गए भारतीय दल के एक अन्य सदस्य ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मैच के समय भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में हमेशा गाने चला करते हैं। इंग्लैंड में जब हम ट्रेनिंग करते थे तो आपने मैदान में भी गाने बजते हुए सुने होंगे। कई बार हम स्पीकर पर हनुमान चालीसा भी सुनते हैं और अभ्यास करते हैं लेकिन पांच दिन तक श्री शिव रुद्राष्टकम् सुनना पहली बार हुआ है। मैं ये तो नहीं कहूंगा कि सिर्फ हम इसी वजह से जीते लेकिन इसको सुनकर एक अप्रत्याशित ऊर्जा तो प्राप्त हुई थी।