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लगभग आधे अमेरिकी मानते हैं, ट्रंप की नीतियों ने पहुंचाया नुकसान; 1600 स्थानों पर होंगे प्रदर्शन

अमेरिका में एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि अर्थव्यवस्था, आव्रजन, सरकारी खर्च और स्वास्थ्य देखभाल सहित प्रमुख मुद्दों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को लेकर अधिकतर लोग खुश नहीं हैं। सर्वे में शामिल लगभग आधे अमेरिकी मानते हैं कि ट्रंप की नीतियों ने काफी नुकसान पहुंचाया। अमेरिका के केवल एक-चौथाई लोगों का कहना है कि ट्रंप की नीतियों ने उनकी मदद की है।

ट्रंप बहुमत की स्वीकृति हासिल करने में नाकाम रहे
एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के सर्वेक्षण में शामिल किसी भी मुद्दे पर ट्रंप बहुमत की स्वीकृति हासिल करने में नाकाम रहे हैं। इन मुद्दों में अर्थव्यवस्था, सरकारी खर्च, व्यापार, कर, आव्रजन, स्वास्थ्य देखभाल और मध्य पूर्व में संघर्ष से निपटने का उनका तरीका शामिल है। इस साल की शुरुआत से ही आव्रजन के मुद्दे पर भी उनकी स्थिति कमजोर हुई है, जो उनके दूसरे कार्यकाल में लगातार उनकी ताकत रही है।

ट्रंप की नीतियों से कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखता
अधिकांश लोगों को ट्रंप की नीतियों से कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखता। लगभग आधे अमेरिकी वयस्कों का मानना है कि छह महीने पहले ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से उनकी नीतियों ने उन्हें अधिक नुकसान पहुंचाया है। लगभग 10 में से दो लोगों का कहना है कि ट्रंप की नीतियों ने उनके जीवन में कोई बदलाव नहीं लाया, जबकि लगभग एक-चौथाई लोगों का कहना है कि ट्रंप की नीतियों ने उनकी मदद की है।

ट्रंप की नीतियों का नकारात्मक प्रभाव पड़ा
अधिकांश डेमोक्रेट्स का कहना है कि ट्रंप की नीतियों का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जबकि कई रिपब्लिकन भी कहते हैं कि उन्होंने सकारात्मक प्रभाव नहीं देखा है।सर्वेक्षण में पाया गया है कि 10 में से चार अमेरिकी वयस्क ट्रंप के कामकाज को पसंद करते हैं।

ट्रंप के आव्रजन, अर्थव्यवस्था संबंधी ट्रंप की नीतियों से असहमत
अधिकांश लोग ट्रंप के आव्रजन, अर्थव्यवस्था संबंधी ट्रंप की नीतियों से असहमत हैं। केवल 43 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा कि वे आव्रजन के मुद्दे पर उनके काम से सहमत हैं। लगभग 10 में से केवल चार अमेरिकी ट्रंप के सरकारी खर्च प्रबंधन से सहमत हैं। अधिकांश लोग ट्रंप को प्रभावी मानते हैं, लेकिन कम ही लोग मानते हैं कि वह उनकी जरूरतों को समझते हैं।

ट्रंप की नीतियों के खिलाफ 1600 स्थानों पर होंगे प्रदर्शन
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ असंतोष चरम पर पहुंच गया है। देशभर में 1600 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन और कार्यक्रम आयोजित किए जाने की तैयारी है। यह पहली बार नहीं है जब प्रर्दशन आयोजित किए जाएंगे। प्रदर्शनकारी बड़े पैमाने पर निर्वासन और मेडिकेड और अन्य सुरक्षा योजनाओं में कटौती से खफा हैं। यह प्रदर्शन सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर होने की आशंका है। आयोजकों ने प्रदर्शनों को शांतिपूर्ण रखने का आह्वान किया है।

पब्लिक सिटीजन की सह-अध्यक्ष लिसा गिल्बर्ट ने मंगलवार को कहा कि हम अपने देश के इतिहास के सबसे भयावह दौर से गुजर रहे हैं। हम सभी अपने प्रशासन में बढ़ती तानाशाही और अराजकता से जूझ रहे हैं, क्योंकि हमारे लोकतंत्र के अधिकारों, स्वतंत्रताओं और अपेक्षाओं को चुनौती दी जा रही है।

इन राज्यों में निकलेगी रैली
विरोध प्रदर्शनों का प्रमुख शहर शिकागो होगा, क्योंकि प्रदर्शनकारियों के शहर के केंद्र में रैली करने की उम्मीद है। अटलांटा और सेंट लुइस के साथ-साथ ओकलैंड, कैलिफोर्निया और एनापोलिस, मैरीलैंड में भी बड़े विरोध प्रदर्शनों की योजना है।

ट्रंप के खिलाफ हुए थे प्रदर्शन
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अब तक उनके खिलाफ विरोध निर्वासन और आव्रजन प्रवर्तन रणनीति पर केंद्रित रहा है। एजेंसियों की ओर से छापेमारियां की गई हैं। इसके विरोध में आठ जून को हजारों प्रदर्शनकारी लास एंजिलिस की सड़कों पर उतर आए थे, जिसके बाद नेशनल गार्ड तक की तैनाती करनी पड़ी थी।

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